ENGINEERING BRANCH : इंडिया में इंजीनियरिंग वाले छात्रो की संख्या लाखो में है लेकिन सही दिशा मार्गदर्शन करने वाले बहुत कम | अक्सर देखा गया है की IIT की एग्जाम तो पास कर लेते है लेकिन सही ब्रांच का चुनाव नहीं कर पाते है |
हांलाकि यह स्टूडेंट के इंटरेस्ट पर निर्भर करता है लेकिन कुछ छात्र बिना गाइड करे ही कुछ भी ब्रांच का चुनाव कर लेते है जिसका उन्हें बाद में खामियाजा भुगतना पड़ता है वैसे भी इंजीनियरिंग करने के बाद जॉब करने के लिए काफी मेहनत करना होता है तब जाके अच्छी जॉब मिलने के चांस मिलते है |
आज हम इस आर्टिकल की मदद से इंजिनियर बनने के लिए ब्रांच कैसे चुने | कैसे समझे की हमें कोन सी ब्रांच लेनी चाहिए ये सब बातो पर पूरी डिटेल में जानकारी देने की कोसिस करेगे |
ENGINEERING BRANCH : संषिप्त विवरण
जब कोई भी छात्र इंजीनियरिंग में एडमिशन लेता है तो सबसे पहली बात यही आती है कोन सी ब्रांच ले ताकि एक अच्छी नौकरी मिल सके वैसे तो इंजीनियरिंग करने के लिए किसी भी ब्रांच का चुनाव कर सकते है लेकिन यह समझना जरुरी है की हम जिस क्षेत्र में जा रहे है या जाने वाले है उसमे कार्य करने योग्य है भी या नहीं | इसे समझना बहुत जरुरी होता है |
इंजीनियरिंग फिल्ड में हर एक ब्रांच का कार्य और उसके महत्वा अलग अलग है | जिस फिल्ड में जाना है उसका गहरई से अध्यन जरुर करे | किसी कहने पर विश्वास ना करे क्योकि कार्य तो आपको ही करना होगा | इसलिए इसे धयान से समझे जिसके बाद ब्रांच का चुनाव करे |
यहा हम कुछ ऐसी ब्रांच जो इंजीनियरिंग में सदाबहार ब्रांच है उनके नाम निचे एक दर्शाए जा रहे |
- MECHANICAL ENGINEERING
- ELECTRICAL ENGINEERING
- COMPUTER SCIENCE ENGINEERING
- CIVIL ENGINEERING
- ELECTRONICS AND COMMUNICATIONS ENGINEERING
- CHEMICAL ENGINEERING
- INFORMATION TECHNOLOGY
ये सारी ब्रांच के नाम आप सभी ने सुने ही होगे लेकिन हर एक ब्रांच में कार्य अलग है इस बात को गहराई से समझे की हम किस क्षेत्र में कार्य करने योग्य बन सकते है |
ENGINEERING BRANCH : कोर ब्रांच का महत्वा
अक्सर छात्र कोर ब्रांच को नहीं समझते है की आखिर ये क्या होता है | कोर ब्रांच वे होती है जिसका किसी दूसरी ब्रांच से कोई मेल नहीं होता है | वे अपने आप में अलग ही ब्रांच होती है जैसे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग ,सिविल इंजीनियरिंग और मेकेनिकल इंजीनियरिंग ये ब्रांच इन सभी ब्रांच में अलग है क्योकि इनके कार्य अलग अलग होते है |
साथ ही कोर ब्रांच में स्टूडेंट जॉब या फिर कैंपस प्लेसमेंट में अपनी ब्रांच के स्टूडेंट से कॉम्पिट करता है यानि उसमे किसी और ब्रांच के छात्र नहीं बैठ सकते है | लेकिन वही दूसरी और कॉमन ब्रांच में सभी छात्र उस कैंपस ड्राइव में बैठ सकते है उदहारण के लिए अगर सॉफ्टवेर कंपनी का कैंपस कॉलेज में आता है तो वह सभी ब्रांच के छात्रो को अपने कैंपस में बैठने का मौका देता है लेकिन दूसरी और किसी मेकेनिकल से सम्बंधित कंपनी का कैंपस आता है तो केवल उसमे मेकेनिकल ब्रांच के छात्र ही बैठ सकते है | और इन सभी में यही फासला होता है |
इसलिए स्टूडेंट को समझने की यह जरुरत है की हमें किस ब्रांच में रुख करना है | ये सारी बाते उन पर निर्भर करती है |
इंजीनियरिंग ब्रांच के फैक्टर : COLLEGE SELCTION
- सबसे पहला फेक्टर पैसा – ब्रांच का चुनाव इस बात पर निर्भर करता है की उस ब्रांच में हमें कितनी सेलरी पैकेज मिल सकता है |
- काम – इंजीनियरिंग ब्रांच का चुनाव इस बात पर भी निर्भर करता है की वहा पर कैसे काम होता है | और किस तरह के कार्य कर सकते है |
- ऑफिस वर्क या फिर फिल्ड वर्क – इस बात पर भी निर्भर करता है जिस ब्रांच का चुनाव कर रहे है उसमे हमें ऑफिस वर्क मिलता है या फिर फिल्ड वर्क मिलता है |
- देश या विदेश में कार्य – ब्रांच का चुनाव इस बात पर भी निर्भर करता है की कोन सी ब्रांच लेकर हम विदेश में कार्य कर सकते है |
- कार्य क्षेत्र – ब्रांच का चुनाव इस बात पर भी निर्भर करता है की हमारे क्षेत्र में इस तरह के कार्य होते है या नहीं |
ये सभी फेक्टर इंजिनियर के लिए मदद कर सकते है उम्मीद करता हु की यह आर्टिकल समझ में आया होगा